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प्रिंस अलेमाएहु: एबिसिनिया का खोया हुआ वारिस अफ्रीका के मध्य में, राजकुमार अलेमायेहु के जीवन के माध्यम से राजशाही, त्रासदी और औपनिवेशिक साज़िश की एक कहानी सामने आती है। 1861 में जन्मे, वह सम्राट टेवोड्रोस द्वितीय और रानी टेरुनेश के पुत्र थे, ये दो शख्सियतें थीं जिनका जीवन एबिसिनिया की नियति के साथ जुड़ा हुआ था। यह युवा राजकुमार, जो अंततः इथियोपिया के लचीलेपन और प्रतिरोध का प्रतीक बन गया, को न केवल अपने पिता का नाम विरासत में मिला, बल्कि एक एकजुट और शक्तिशाली इथियोपिया के सपने भी विरासत में मिले। रॉयल्टी की जड़ें प्रिंस अलेमायेहु की वंशावली का पता एबिसिनिया के प्राचीन सम्राटों से लगाया जा सकता है, यह वंश इतिहास की समृद्ध मिट्टी में एक विशाल वृक्ष की गहरी जड़ों की तरह डूबा हुआ है। उनके पिता, सम्राट टेवोड्रोस द्वितीय, एक दूरदर्शी नेता थे, जिनकी तुलना अक्सर सवाना के शेर से की जाती थी, जो बाहरी खतरों से अपने राज्य की रक्षा करते थे। उनकी मां, रानी तेरुनेश, एक उज्ज्वल सूरज के समान थीं, जो अपने परिवार और प्रजा को गर्मी और आराम प्रदान करती थीं। अलेमायेहु का पालन-पोषण शाही परंपराओं और एबिसिनिया

Mahatma Gandhi Quotes In Hindi महात्मा गांधी के अनमोल विचार




महात्मा गांधी के अनमोल विचार 





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तभी बोलो जब वो मौन से बेहतर हो



Mohandas Karamchand Gandhi Quotes


अपनी भूलो को स्वीकारना उस झाड़ू के समान हे जो गंदगी को साफ कर उस स्थान को पहले दे अधिक स्वछ कर देती हे ।                                                                                                                     - महात्मा गांधी 

अपने सास - ससुर के घर या  अपनी बहन के घर मैं पानी तक न पीता था। वे छिप कर  पिलाने को तैयार होते पर जो काम खुले तौर से न किया जा सके, उसे छिपकर करने के लिए मेरा मन ही तैयार न होता था।                                                                                       - महात्मा गांधी  (सत्य के प्रयोग अथवा आत्मकथा पुस्तक से )
Mohandas Karamchand Gandhi Quotes
मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है, सत्य मेरा भगवान है.अहिंसा उसे पाने का साधन                                                             - महात्मा गांधी 

Mohandas Karamchand Gandhi Quotes
व्यक्ति अपने विचारों से बना एक प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है  
                                                              - मोहनदास कर्मचन्द गांधी


आप तब तक यह नही समझ पाते की आपके लिए कौन  महत्वपूर्ण है जब तक आप उन्हे वास्तव मे खो नही देते ।
खुद वो बदलाव बनिए जो दुनियाँ में आप दैखना चाहते है 

भूल करने में पाप तो है ही परन्तु उसे छिपाने में उससे भी बडा पाप है 

यदि मनुष्य सीखना चाहे तो उसकी हर भुल उसे कुछ शिक्षा दे सकती है


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आँख के बदले में आँख पूरी दुनिया को अँधा बना देगी



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व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है :-     महात्मा गाँधी
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एकमात्र वस्तु जो हमें पशु से भिन्न करती है:  वह है सही और गलत के मध्य भेद करने की क्षमता जो हम सभी में समान रूप से विद्यमान है:-
महात्मा गाँधी 
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