महात्मा गांधी के अनमोल विचार
अपनी भूलो को स्वीकारना उस झाड़ू के समान हे जो गंदगी को साफ कर उस स्थान को पहले दे अधिक स्वछ कर देती हे । - महात्मा गांधी
अपने सास - ससुर के घर या अपनी बहन के घर मैं पानी तक न पीता था। वे छिप कर पिलाने को तैयार होते पर जो काम खुले तौर से न किया जा सके, उसे छिपकर करने के लिए मेरा मन ही तैयार न होता था। - महात्मा गांधी (सत्य के प्रयोग अथवा आत्मकथा पुस्तक से )
मेरा
धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है, सत्य मेरा भगवान है.अहिंसा उसे पाने का
साधन - महात्मा गांधी
व्यक्ति अपने विचारों से बना एक प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है
- मोहनदास कर्मचन्द गांधी
आप तब तक यह नही समझ पाते की आपके लिए कौन महत्वपूर्ण है जब तक आप उन्हे वास्तव मे खो नही देते ।
खुद वो बदलाव बनिए जो दुनियाँ में आप दैखना चाहते है
भूल करने में पाप तो है ही परन्तु उसे छिपाने में उससे भी बडा पाप है
यदि मनुष्य सीखना चाहे तो उसकी हर भुल उसे कुछ शिक्षा दे सकती है
आँख के बदले में आँख पूरी दुनिया को अँधा बना देगी
व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है :- महात्मा गाँधी
एकमात्र वस्तु जो हमें पशु से भिन्न करती है: वह है सही और गलत के मध्य भेद करने की क्षमता जो हम सभी में समान रूप से विद्यमान है:-
महात्मा गाँधी